*सम विभव पृष्ठ :-
ऐसा पृष्ठ जिसके प्रत्येक बिंदु पर विभव का मान समान हो सम विभव पृष्ठ कहलाता है |
(1). किसी एक समान विधुत क्षेत्र E के लिए किसी समरूप विधुत क्षेत्र के लिए समविभव पृष्ठ इसकी क्षेत्र रेखाओ के लंबवत स्थित होता है |
(2). किसी विलगित आवेश के लिए किसी विलगित बिंदु आवेश +q के कारण r दुरी पर विभव V =Kq /r
(3). यदि हम +q आवेश के चारों और r दुरी का गोला बनाये तब इस गोले पर स्थित सभी बिन्दुओ पर विभव का मान सामान होता है | तो हम बोल सकते है की सम विभव पृष्ठ गोलाकार होते है | जिसका केंद्र आवेश पर होता है | धन आवेश के लिए जैसे जैसे गोलीय पृष्ठ की केंद्र से दुरी कम होती है वैसे -वैसे गोलीय पृष्ठ का विभव कम हो जाता है |
(4). बिंदु आवेश के कारण सम विभव पृष्ठ -
*सम विभव पृष्ठ के गुणधर्म :-
(1). सम विभव पृष्ठ के प्रत्येक बिंदु पर विभव का मान समान होता है | अत: किसी सम विभव पर किसी बिंदु आवेश को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने में किया गया कार्य 0 होता है |
(2). विधुत क्षेत्र की दिशा सैदव समविभव पृष्ठ के तल के लम्बवत होती है |
(3). दो समविभव पृष्ठ एक दूसरे को काटते नहीं है यदि काटेंगे तो विभव के दो मान होंगे जो सम्भव नहीं है |
(4). किसी चालक की सतह सदैव समविभव पृष्ठ होती है | वस्तुत: किसी चालन का आयतन एक समान विभव पर होता है |
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