विधुत धारा = किसी काटक्षेत्र से प्रतिएकांक समय मे गुजरने वाला नेट आवेश विधुत धारा कहलाती है | यदि काटक्षेत्र से Q आवेश t समय मे गुजरता है तो धारा=
I =Q/t
अथवा
धारा के परिभाषा मे काम लिए गए शब्द नेट आवेश पर ध्यान दे | यध्यपि धारा गतिमान आवेशों का प्रवाह की है किन्तु सभी गतिमान आवेशों द्वारा धारा स्थापित नहीं होती है किसी पृष्ट से धारा प्रवाह के लिए उस पृष्ट से आवेश का नेट प्रवाह आवश्यक है
*विधुत धारा एक भौतिक राशि है |
*विधुत धारा के मात्रक =
*धारा का S.I . मात्रक एम्पियर (A) है जो की एक SI मूल मात्रक है
* C.G.S. मात्रक =एब एम्पियर
NOTE :-विधुत धारा का चुंबकीय मात्रक =बायट (BAYAT )
विधुत धारा सदिश योग के गुणधर्म का पालन नहीं करती है इसलिए यह अदीश राशि है |
परिपाटी के अनुसार धारा की दिशा धन आवेशों के प्रवाह की दिशा मे मानी जाती है तदानुसार यह ऋणावेश के चलने की दिशा विपरीत मानी जाती है गतिमान आवेशों को आवेश वाहक भी कहा जाता है |
(1). धातुओ चालकों में धारा मुक्त इलेक्ट्रीनो के कारण होती है | (2). वैधुत अपघटय मे धारा धन एव ऋण आयनो के कारण | (3). अर्द्चालको मे इलेक्ट्रीनो तथा होल के कारण |
(4). विसर्जन नलियों में गैस के धन आयनो व इलेक्ट्रोनो के कारण निर्वात में भी धारा प्रवाह सम्भव है उदाहरण के लिए टीवी की पिक्चर ट्यूब में इलेक्ट्रान निर्वात में गमन करते है तथा धारा प्रवाह होता है |
*धारा घनत्व (current density ):-
अथवा
विधुत धारा तथा क्षेत्रफल के अनुपात को धारा घनत्व कहते है |
J = I/A
*धारा घनत्व एक सदीश राशि है |
*धारा घनत्व की दिशा प्रवाहित धारा के अनुदिश होती है |
*धारा घनत्व का मात्रक = amp./m²
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