सम विधुत क्षेत्र में दिधुर्वे पर कार्येरत बलआघूर्ण :-
दिधुर्वे पर कुल बल :- Ft =0
बलआघूर्ण =बल ×दुरी
τ =qE ×2asinα
τ =PEsinα
एक समान विधुत क्षेत्र मे दिधुव्रे को घुमाने मे किया गया कार्य :-
W=PE[cosα-cosß]
विधुत दिधूर्व में संचित स्थितिज ऊर्जा :-
हम जानते है की - W=PE[cosα-cosß]
W=PEcosα-PEcosß
W =W' - W'' __________________(1)
दिधुव्रे को शून्य ऊर्जा स्त्रर से किसी विशेस कोण तक घुमाने में किया गया कार्य -
W=PE[cosα-cosß]
W=PEcosα - PEcosß
α=90º ,ß=φ तो
W =- PEcosφ
यह कार्य ही स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित होता है |
U =-PEcosφ
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