* चुंबकीय क्षेत्र :-
किसी चुम्बक अथवा धारावाही परिनालिका के चारो ओर का वह क्षेत्र जिसमे कोई चुंबकीय सुई बल आघूर्ण का अनुभव करती है उसे चुम्बकीय क्षेत्र कहते हैं |
* इसे B से प्रदर्शित करते हैं |
* मात्रक = टेस्ला (T )
* चुंबकीय क्षेत्र की दिशा ज्ञात करने के नियम :-
( 1 ). एम्पियर के तैरने का नियम =
इस नियम के अनुसार यदि कोई व्यक्ति तैर रहा है ओर विधुत धारा उसके पैरो से सिर की ओर प्रवाहित हो रही हो तो वह व्यक्ति बायीं ओर मुड़ जायेगा |
अर्थात विधुत धारा S _____ N प्रवाहित हो तो गल्वेनोमीटर मे विक्षेप WEST की ओर होगा |
इस नियम को snow से याद रखते है
S = NOVER TO WEST
( 2 ). दाये हाथ की हथेली का नियम :-
इस नियम के अनुसार हम अगूठे तथा दाये हाथ की सभी अंगुलियों की बीच 90 डिग्री का कोण बनाकर अगूठे को विधुत धारा की दिशा मे तथा अंगुलियों को उस दिशा मे रखते है | जहां चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा ज्ञात करनी है | तब हथेली का धक्का चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा को बताता है |
( 3 ). मैक्सवेल का कार्क स्कु नियम :-
इस नियम के अनुसार किसी तार के ऊपर पेचकस को रखकर इस प्रकार घूमाते है की पेचकस की नोक विधुत धारा दिशा मे चले तो घुमाने की दिशा मे चुम्बकीय क्षेत्र को निरूपित करती है |
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