गाउस का नियम :- यह नियम किसी बंद पृष्ठ से निर्गत कुल फ्लक्स तथा बंद पृष्ठ में उपस्थित आवेशों के बीज गणितीय योग के मध्य गणितीय संबध प्रदान करता | " इस नियम के अनुसार किसी बंद पृष्ठ से निर्गत कुल फ्लक्स बंद पृष्ठ में उपस्थित समस्त आवेशों के बीजगणितीय योग व निर्वात की विधुतशीलता के अनुपात के तुल्य होता हैं |
Φ=Σq/ε० Σq =q +3q +2q -q = 5q अत: Φ=5q/ε०
* महत्वपुर्ण तथ्य :- (1). किसी भी चालक के लिए विधुत क्षेत्र की तीवृता की गणना करने हेतु गाउसीय पृष्ठ की कल्पना करना पड़ता हैं | (2). सममिति के आधार पर गाउसीय पृष्ठ दो प्रकार का होता हैं | -गोलाकार ,बेलनाकार | (3). बेलनाकार गाउसीय पृष्ठ के तीन भाग होते है | 2 -भाग व्रताकार ,1 -भाग वक्राकार | (4). किसी भी चालक को आवेश देने का तात्पर्य उसे धनावेश देना हैं | (5). किसी चालक को दिया गया सम्पूर्ण आवेश उसकी सतह पर वितरित होता हैं | (6). किसी कुचालक को दिया गया सम्पूर्ण आवेश हमेशा कुचालक के अन्दर वितरित होता हैं | (7). विधुत क्षेत्र की तीवृता हमेशा आवेश वितरण के तल के लंबवत होती हैं | (8). किसी बंद पृष्ठ से निर्गत फ्लक्स पृष्ठ की आकर्ति पर निर्भर नहीं करती हैं | (9). किसी काल्पनिक बंद पृष्ठ से निर्गत फ्लक्स आवेश की स्थिति पर निर्भर नहीं करती हैं | (10). यदि किसी सममित वस्तु के केंद्र पर +q आवेश विध्यमान है और वस्तु के n समरूप फलक है तो निर्गत फ्लक्स:- Φ=q/ε०
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